उपभोक्ता मामले विभाग वर्ष 1987 से 26.09.2013 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के साथ संबद्ध रहा।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग से उपभोक्ता मामले विभाग को विखण्डित कर पृथक किये जाने के लिये मंत्रिमण्डल आज्ञा 205/2013 के क्रम में अधिसूचना दिनांक 26.09.2013 को जारी कर दी गई।
दिनांक 01 अक्टूबर, 2016 से उपभोक्ता मामले विभाग के अधीन विधिक मापविज्ञान का भौतिक रूप से क्रियान्वयन प्रारंभ किया गया।
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