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गारंटी –वा‍रंटी: सतर्कता जरूरी

उपभोक्‍ता के साथ ठगी का एक और प्रमुख तरीका है, वस्‍तुओं के संबंध में दी गई गारंटी या वारंटी को वास्‍तविक तौर पर पूरा नहीं किया जाना। यह भी देखने में आया है कि आम उपभोक्‍ता सामान्‍य: वस्‍तुओं को खरीदते समय इन गारंटी व वारंटी की शर्तों को पूरी तरह पढ़ता ही नहीं है| जिसका लाभ उठाकर कई बार वारंटी या गारंटी कार्डों में ऐसी शर्तें शामिल करते हैं, जो उपभोक्‍ताओं के स्‍वाभाविक अधिकारों का भी हनन करती है।

उपभोक्‍ता को प्रभावी ढंग से गारंटी और वारंटी का लाभ उठाने के लिए कई बातों का ध्‍यान रखना चाहिए। उसे इस संबंध में सतर्कता बरतते हुए अपनी आदतों में बदलाव लाना चाहिए, तभी गारंटी और वारंटी को पूरा लाभ मिल सकता है। निम्‍न बातों का ध्‍यान रखा जाना आवश्‍यक है:-

  1. जाँचिए कि आपने खरीददारी का बिल/मीमो प्राप्‍त कर लिया है, जिस पर खरीददारी का दिनांक भी अंकित है।
  2. खरीददारी करते समय वस्‍तु का गारंटी या वारंटी कार्ड आपने प्राप्‍त कर लिया है और उस पर विक्रेता ने हस्‍ताक्षर कर दिए हैं तथा अपनी मोहर लगा दी है।
  3. पूरी तरह यह जाँच कीजिए कि आपकों क्या-क्‍या गारंटी दी गई है।
  4. इस तथ्‍य को अच्‍छी तरह जाँच लें कि क्‍या वारंटी/गांरटी के जरिए उपभोक्‍ता को प्राप्‍त अन्‍तर्निहित अधिकारों में तो कोई कटौती नहीं कर दी गई है। विशेषकर गारंटी में कहीं यह तो नही लिखा है कि 'यह गारंटी अन्य समस्‍त गारंटीज पर अधिप्रभावी होगी।'
  5. गारंटी या वारंटी की शर्तों के बारीक अक्षरों को पढ़ डालिए, कई बार उपभोक्‍ता के विरूद्ध जाने वाली शर्तें अत्‍यधिक बारीक अक्षरों में लिखी होती हैं या उसकी प्रिंटिंग ख़राब व न पढ़ने में आने योग्‍य होती है।
  6. जाँचिए कि वस्‍तु के बिक्री बाद सेवा केन्‍द्रों की स्थिति क्या है, वे कहां-कहां स्थित है और उनकी सेवा का स्तर क्या हैं ?
  7. जाँचिए कि वस्‍तु में शिकायत आने पर उसके परिवहन आदि के खर्च को वहन करने का दायित्‍व किसका है |
  8. वस्‍तु से संबंधित पैम्पलेट्स, पोस्‍टर्स, विज्ञापन आदि की अधिकाधिक सामग्री क्रय से पूर्व एकत्र कर लें ।
  9. कुछ राशि का भुगतान चैक द्वारा करने का प्रयत्‍न करें ताकि वह खरीद के सबूत के रूप में काम आ सके ।
  10. बिल, कैशमीमो, गारंटी कार्ड एवं जानकारी वाले पैम्पलेट्स मूल एवं फोटो स्‍टेट प्रतियाँ पृथक-पृथक रूप से सुरक्षित रखें ।

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